फिल्मः क्या सुपरकूल हैं हम
डायरेक्टरः सचिन यार्दी
कास्टः रितेश देशमुख, तुषार कपूर, नेहा शर्मा, साराह जेन डियेज, अनुपम खेर, चंकी पांडे
स्टारः जीरो, 0.0
गोवा के बीच पर ‘दोस्ताना’ के जॉन अब्राहम की तरह चड्डी नीचे करके पोज दे रहे आदी (तुषार) को देख पुलिसवाला पकड़ने दौड़ता है। बीच-बचाव करने आई सिमरन (नेहा) कहती है, “छोड़ दीजिए, ये तो मुझे पोज दे रहा था। ये देखिए मैं तस्वीर भी खींच रही थी”। तो पुलिसवाला जवाब देता है, “ठीक है मैडम, पर इसे बोलिए कि आगे ठीक से पोज दे, इस बीच पर बच्चे भी खेलते हैं”। राइटर-डायरेक्टर सचिन यार्दी ने फिल्म में तो ये इकलौता समझदार डायलॉग डाल दिया, पर खुद जरा भी ध्यान नहीं रखा। ‘ए’ सर्टिफिकेट मिलने के बावजूद इंडिया में ऐसी फिल्मों के आधे से ज्यादा दर्शक स्कूली बच्चे होते हैं। इस थियेटर में भी थे।
और फिर ‘क्या सुपरकूल हैं हम’ तो बेहद वाहियात और बेहूदा फिल्म है। न इसमें फिल्ममेकिंग की खूबसूरती है, न ही कहानी और न ही लगातार बना रहने वाला मनोरंजन। डबल मीनिंग डायलॉग्स की तमाम हदें टूटती हैं। फिर भी एक संतुष्ट करने वाली फिल्म नहीं बन पाती। किरदारों के नाम ऐसे रखे गए हैं कि गंदी गुंजाइश निकले। कुत्ते का नाम फकरू (भारत के पांचवें राष्ट्रपति फक़रुद्दीन अली अहमद थे) है। अनुपम खेर का किरदार ‘मार-लो’ (मार्लो) है। जिस कुतिया को उनकी मां बनाया गया है उसका नाम ‘रोज मेरी मार-लो’ (रोज़ मैरी मार्लो) है।
फिल्म हर लिहाज से डैरोगेटरी (अभद्र, अपमानजनक) है। तुषार का किरदार एक फेयरनेस क्रीम के टेलिब्रैंड एड में कहता है, ‘मैं पहले इतना काला था इतना काला था कि अफ्रीका के लोग भी मुझे कालिया कहकर चिढ़ाते थे’। फिल्म गे लोगों पर भी व्यंग्य करती है। मांओं पर पिताओं पर भी। देवदास, एक था टाइगर, रा. वन, नरगिस फकरी, डायना पेंटी, राधे मां और सोशलाइट परमेश्वर गोदरेज सब की हंसी उड़ती है। शुरुआती सीन में ‘गोलमाल’ वाले संदर्भ में रोहित शेट्टी को भी दिखाया गया है, वह पांच-सात डायलॉग भी बोलते हैं, पर सब बेतुका लगता है।
प्रॉड्यूसर्स (एकता-शोभा कपूर) द्वारा रोकड़ा कमाने के लिए इरादतन ‘अमेरिकन पाई’ के इंडियन वर्जन के तौर पर ये फिल्म बनाई गई है, जिसमें बार-बार प्लेबॉय मैगजीन नजर आती रहती है। जाहिर है उद्देश्य समझ आता है। फिल्म देखते वक्त लगता है कि मुझे 16 से 35 के बीच आयुवर्ग की कोई निर्जीव वस्तु, जिसे ये लोग टारगेट ऑडियंस कहते हैं, समझ लिया गया है। उसी के लिहाज से सबकुछ ठूस दिया गया है। मगर हम भेड़ें नहीं हैं और ये बात तमाम एकता कपूरों को जान लेनी चाहिए। फिल्म की स्क्रिप्ट लिखने वाले, डायलॉग लिखने वाले ने कुछ दिन लगाए होंगे, कुछ व्यस्क-पॉर्न चुटकुलों की किताबें (दस-दस रुपये में रेलवे स्टेशन और ट्रेन में मिलती हैं) पढ़ी होंगी और फिल्म की लेखनी तैयार कर ली होगी। मगर दर्शकों के लिए उनका ये शॉर्टकट, उनकी तारीफ करने की बाध्यता नहीं बनना चाहिए।
इस फिल्म को पूरा देखने से मन में ग्लानि और घृणा होने लगती है। मसलन, ये निकृष्टतम मसखरी के पल। जब एक कुतिया को अनुपम खेर के किरदार मारलो की मां बताया जाता है, और सिड का कुत्ता आकर उसके साथ संभोग करके चला जाता है, तो मारलो रुआंसा हो जाता है, कि तमाम नौकरों के सामने भरे गार्डन में उसकी मां की इज्जत लुट गई। ऐसे घटिया पलों में पृष्ठभूमि में सारंगी जैसा पवित्र साज बज रहा होता है। इस वाद्य यंत्र का इससे गंदा संदर्भात्मक इस्तेमाल मैंने नहीं देखा। ऐसी दो-तीन फिल्में और आ गईं तो सारंगी की आत्मा प्राण त्याग देगी। ये दिव्य यंत्र दिलों के तार झनझनाने के लिए है किसी शाब्दिक पॉर्न कॉमेडी में अपमानजनक साधन बनने के लिए नहीं।
क्या सुपरकूल हैं हम को मैं जिंदगी में न तो कभी दोबारा देखना चाहूंगा, न इसके बारे में सुनना चाहूंगा, ये हिंदी सिनेमा की सबसे अश्लील फिल्म है, मैं इसे जीरो स्टार देता हूं।
एक कुत्ता और दो कमीने: कहानी
सिड (रितेश देशमुख) एक स्ट्रगलिंग डीजे है और आदी (तुषार कपूर) स्ट्रगलिंग एक्टर। अपने कुत्ते फकरू के स्पर्म, ब्रीडिंग में यूज कर सिड का खर्चा चल रहा है तो आदी बवासीर तक के टेलिब्रैंड ऐड करता है। एक टैरो कार्ड रीडर आदी को कहती है कि ‘स’ (सिमरन, नेहा शर्मा) नाम से एक लड़की उसकी लाइफ में आएगी और वो बड़ा स्टार बनेगा। वहीं जिस अनु (साराह जेन डियेज) का एक पार्टी में सिड की गलती से वॉर्डरोब मालफंक्शन होता है और यूट्यूब वीडियो बनता है, उससे सिड को प्यार हो जाता है। फिल्म में नकली बाबा थ्रीजी (चंकी पांडे) और पागल हो चुके रईस मारलो (अनुपम खेर, अनु के पिता) भी हैं। कहानी के नाम पर घटनाओं की यही धक्का-मुक्की है।
द्विअर्थी होने की पराकाष्ठाः सवांद (ए)
1. आदीः यार सिड, अगर सिमरन मुझे फेसबुक पर मिल गई तो उसकी वॉल पर क्या लिखूं?
सिडः लिख, इस वॉल पर पिशाब करना मना है।
2. सिमरन को रिश्ते के लिए देखने आया लड़का जब पूछताः तुम्हारा फेवरेट सीरियल क्या है?
सिमरन 'बड़े' पर स्ट्रेस डालते हुए कहती हैः मुझे बड़े, अच्छे लगते हैं।
वह पूछता हैः तुम्हारी फेवरेट फिल्म कौन सी है?
सिमरन कहती हैः मुझे ब्लू फिल्म पसंद है।
बाद में लड़का धीरे से अपने पापा को कहता हैः डैड मुझे लगता है कि इस लड़की के ख्वाब बहुत बड़े-बड़े हैं ... और आप लोग मुझे चिंटू यूं थोड़े ही बुलाते हैं।
3. आदी यूं ही बिना किसी संदर्भ में कहता हैः सुन मेरे दिमाग में एक सवाल खड़ा हुआ है।
सिड जवाब देता हैः आजकल तेरे केस में सिर्फ सवाल ही खड़ा होता है।
4. दोनों हीरो सड़क किनारे खड़ी कार के बोनट पर बैठे हैं।
सामने स्टेफ्री पैड्स का बड़ा सा एड होर्डिंग लगा है।
आदी कहता हैः क्या देख रहा है यार, ये लड़कियों के इस्तेमाल की चीज है।
सिड निराश स्वर मेः यार मैं सोच रहा हूं कि एक पैकेट खरीद ही लूं, मेरा भी बहुत बुरा पीरियड चल रहा है।
तो आदी का जवाब आता हैः दो खरीद...
5. पार्टी में मिली एक लड़की जान-पहचान करने के दौरान सिड को अपने पिता के बारे में बताती है कि वो आगरा में रहते हैं। सिड कहता हैः तुम्हारे पापा क्या आगरा में वायग्रा बेचते हैं।
6. वहीं पार्टी में खाने की स्टॉल पर मट्ठी हाथ में लेकर सिड कहता हैः ये मुट्ठियां मारने के काम आएंगी।
7. अपने डॉग को ब्रीडिंग के लिए डॉक्टर के क्लिनिक ले जा रहा है सिड और गा रहा हैः अब है चु... जुदाई का मौसम।
8. लेडी डॉक्टरः तुम सीडी क्यों लाए हो?
सिडः मैं इसे प्ले करता हूं तब मेरे कुत्ते का मूड बनता है।
लेडी डॉक्टरः आई डिड नॉट नो कि आजकल कुत्ते भी मूड्स का इस्तेमाल करते हैं!
9. लगातार कई कुत्तियों की ब्रीडिंग करने के बाद फकरु को गोद में लेकर सिड बैठा होता है।
डॉक्टर आकर बोलती हैः योर डॉग हैज गॉट लॉट ऑफ स्टाइल, कहना पड़ेगा।
सिडः इट्स कॉल्ड डॉगी स्टाइल।
बाद में: मुझे इस पर फक-र (फक्र) है।
10. खराब नसीब की जांच करवाने आदी एक टैरो कार्ड रीडर के पास बैठा है।
पहले वह कार्ड्स की गड्डी आगे बढ़ाती है तो आदी उठाकर तीन पत्ती खेलने लगता है।
बाद में वह टोकती है और पत्ते बिछाकर पत्ता उठाने को कहती है।
कार्ड देखकर वह उसे कहती हैः तुम्हारी जिदंगी में एक लड़की आएगी जिसका नाम एस शुरू होगा। उसके आने से तुम बहुत बड़े स्टार बनोगे।
आखिर में वह बोलता हैः न जाने कहां मिलेगी मुझे ऐसी लड़की विद एन ऐस (एस)।
11. टीवी चैनल पर मॉडल (साराह जैन डियेज) का वॉर्डरोब मालफंक्शन हो जाता है और यूट्यूब से लेकर नेट पर वीडियो वायरल हो जाता है। एक न्यूज चैनल खास प्रोग्रैम बनाता है और न्यूज एंकर प्रोग्रैम का नाम उच्चारता हैः मेरे दो अनमोल रतन। (इशारा मॉडल को वक्षों की तरफ होता है)
12. सिड डीजे है और डिस्क्स चलाता है, गाने बजाता है, पर वह जब भी कहीं जाता है कहता हैः मेरे पास हार्ड डिक्स (डिस्क) हैं।
13. आदी अपनी लेडी लव के बारे में सिड से कहता हैः सिमरन, कैसा यश चोपड़ा की फिल्मों की हीरोइन जैसा नाम है न, आजकल की हीरोइन की तरह नहीं, फकरी, पेंटी।
14. मारलो बने अनुपम खेर अपनी बेटी और उसकी सहेली से घर में आए बाबा के बारे में बता रहे हैं।
मारलोः पता है, सात साल एक पैर पर खड़े होकर तपस्या की है इस बाबा ने...
उधर बाबा 3जी बने चंकी पांडे की तस्वीर दिखती है जिसमें उनके दोनों पैर और जमीन को नहीं छू रहे पर वह खड़े हैं, शरीर के बीच वाले हिस्से पर किसी चीज के सहारे।
इसके बाद चंकी कैमरे की तरफ देखकर बोलते हैः कौनसा पैर ये मत पूछना।
15. आगे एक और सीन में वह कहते हैः देकर उन्हें ये कुतिया, बनाया चू... अ अ भाग्यशाली।
16. गोवा में पार्टी कर रहे हैं सिड-आदी।
शराब के नशे में आदी कहता हैः इट्स गोवा गाइज, लेट्स पार्टी।
लिव लाइफ किंग साइज। स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, फकिं...।
*** *** ***
गजेंद्र सिंह भाटी
डायरेक्टरः सचिन यार्दी
कास्टः रितेश देशमुख, तुषार कपूर, नेहा शर्मा, साराह जेन डियेज, अनुपम खेर, चंकी पांडे
स्टारः जीरो, 0.0
गोवा के बीच पर ‘दोस्ताना’ के जॉन अब्राहम की तरह चड्डी नीचे करके पोज दे रहे आदी (तुषार) को देख पुलिसवाला पकड़ने दौड़ता है। बीच-बचाव करने आई सिमरन (नेहा) कहती है, “छोड़ दीजिए, ये तो मुझे पोज दे रहा था। ये देखिए मैं तस्वीर भी खींच रही थी”। तो पुलिसवाला जवाब देता है, “ठीक है मैडम, पर इसे बोलिए कि आगे ठीक से पोज दे, इस बीच पर बच्चे भी खेलते हैं”। राइटर-डायरेक्टर सचिन यार्दी ने फिल्म में तो ये इकलौता समझदार डायलॉग डाल दिया, पर खुद जरा भी ध्यान नहीं रखा। ‘ए’ सर्टिफिकेट मिलने के बावजूद इंडिया में ऐसी फिल्मों के आधे से ज्यादा दर्शक स्कूली बच्चे होते हैं। इस थियेटर में भी थे।
और फिर ‘क्या सुपरकूल हैं हम’ तो बेहद वाहियात और बेहूदा फिल्म है। न इसमें फिल्ममेकिंग की खूबसूरती है, न ही कहानी और न ही लगातार बना रहने वाला मनोरंजन। डबल मीनिंग डायलॉग्स की तमाम हदें टूटती हैं। फिर भी एक संतुष्ट करने वाली फिल्म नहीं बन पाती। किरदारों के नाम ऐसे रखे गए हैं कि गंदी गुंजाइश निकले। कुत्ते का नाम फकरू (भारत के पांचवें राष्ट्रपति फक़रुद्दीन अली अहमद थे) है। अनुपम खेर का किरदार ‘मार-लो’ (मार्लो) है। जिस कुतिया को उनकी मां बनाया गया है उसका नाम ‘रोज मेरी मार-लो’ (रोज़ मैरी मार्लो) है।
फिल्म हर लिहाज से डैरोगेटरी (अभद्र, अपमानजनक) है। तुषार का किरदार एक फेयरनेस क्रीम के टेलिब्रैंड एड में कहता है, ‘मैं पहले इतना काला था इतना काला था कि अफ्रीका के लोग भी मुझे कालिया कहकर चिढ़ाते थे’। फिल्म गे लोगों पर भी व्यंग्य करती है। मांओं पर पिताओं पर भी। देवदास, एक था टाइगर, रा. वन, नरगिस फकरी, डायना पेंटी, राधे मां और सोशलाइट परमेश्वर गोदरेज सब की हंसी उड़ती है। शुरुआती सीन में ‘गोलमाल’ वाले संदर्भ में रोहित शेट्टी को भी दिखाया गया है, वह पांच-सात डायलॉग भी बोलते हैं, पर सब बेतुका लगता है।
प्रॉड्यूसर्स (एकता-शोभा कपूर) द्वारा रोकड़ा कमाने के लिए इरादतन ‘अमेरिकन पाई’ के इंडियन वर्जन के तौर पर ये फिल्म बनाई गई है, जिसमें बार-बार प्लेबॉय मैगजीन नजर आती रहती है। जाहिर है उद्देश्य समझ आता है। फिल्म देखते वक्त लगता है कि मुझे 16 से 35 के बीच आयुवर्ग की कोई निर्जीव वस्तु, जिसे ये लोग टारगेट ऑडियंस कहते हैं, समझ लिया गया है। उसी के लिहाज से सबकुछ ठूस दिया गया है। मगर हम भेड़ें नहीं हैं और ये बात तमाम एकता कपूरों को जान लेनी चाहिए। फिल्म की स्क्रिप्ट लिखने वाले, डायलॉग लिखने वाले ने कुछ दिन लगाए होंगे, कुछ व्यस्क-पॉर्न चुटकुलों की किताबें (दस-दस रुपये में रेलवे स्टेशन और ट्रेन में मिलती हैं) पढ़ी होंगी और फिल्म की लेखनी तैयार कर ली होगी। मगर दर्शकों के लिए उनका ये शॉर्टकट, उनकी तारीफ करने की बाध्यता नहीं बनना चाहिए।
इस फिल्म को पूरा देखने से मन में ग्लानि और घृणा होने लगती है। मसलन, ये निकृष्टतम मसखरी के पल। जब एक कुतिया को अनुपम खेर के किरदार मारलो की मां बताया जाता है, और सिड का कुत्ता आकर उसके साथ संभोग करके चला जाता है, तो मारलो रुआंसा हो जाता है, कि तमाम नौकरों के सामने भरे गार्डन में उसकी मां की इज्जत लुट गई। ऐसे घटिया पलों में पृष्ठभूमि में सारंगी जैसा पवित्र साज बज रहा होता है। इस वाद्य यंत्र का इससे गंदा संदर्भात्मक इस्तेमाल मैंने नहीं देखा। ऐसी दो-तीन फिल्में और आ गईं तो सारंगी की आत्मा प्राण त्याग देगी। ये दिव्य यंत्र दिलों के तार झनझनाने के लिए है किसी शाब्दिक पॉर्न कॉमेडी में अपमानजनक साधन बनने के लिए नहीं।
क्या सुपरकूल हैं हम को मैं जिंदगी में न तो कभी दोबारा देखना चाहूंगा, न इसके बारे में सुनना चाहूंगा, ये हिंदी सिनेमा की सबसे अश्लील फिल्म है, मैं इसे जीरो स्टार देता हूं।
एक कुत्ता और दो कमीने: कहानी
सिड (रितेश देशमुख) एक स्ट्रगलिंग डीजे है और आदी (तुषार कपूर) स्ट्रगलिंग एक्टर। अपने कुत्ते फकरू के स्पर्म, ब्रीडिंग में यूज कर सिड का खर्चा चल रहा है तो आदी बवासीर तक के टेलिब्रैंड ऐड करता है। एक टैरो कार्ड रीडर आदी को कहती है कि ‘स’ (सिमरन, नेहा शर्मा) नाम से एक लड़की उसकी लाइफ में आएगी और वो बड़ा स्टार बनेगा। वहीं जिस अनु (साराह जेन डियेज) का एक पार्टी में सिड की गलती से वॉर्डरोब मालफंक्शन होता है और यूट्यूब वीडियो बनता है, उससे सिड को प्यार हो जाता है। फिल्म में नकली बाबा थ्रीजी (चंकी पांडे) और पागल हो चुके रईस मारलो (अनुपम खेर, अनु के पिता) भी हैं। कहानी के नाम पर घटनाओं की यही धक्का-मुक्की है।
द्विअर्थी होने की पराकाष्ठाः सवांद (ए)
1. आदीः यार सिड, अगर सिमरन मुझे फेसबुक पर मिल गई तो उसकी वॉल पर क्या लिखूं?
सिडः लिख, इस वॉल पर पिशाब करना मना है।
2. सिमरन को रिश्ते के लिए देखने आया लड़का जब पूछताः तुम्हारा फेवरेट सीरियल क्या है?
सिमरन 'बड़े' पर स्ट्रेस डालते हुए कहती हैः मुझे बड़े, अच्छे लगते हैं।
वह पूछता हैः तुम्हारी फेवरेट फिल्म कौन सी है?
सिमरन कहती हैः मुझे ब्लू फिल्म पसंद है।
बाद में लड़का धीरे से अपने पापा को कहता हैः डैड मुझे लगता है कि इस लड़की के ख्वाब बहुत बड़े-बड़े हैं ... और आप लोग मुझे चिंटू यूं थोड़े ही बुलाते हैं।
3. आदी यूं ही बिना किसी संदर्भ में कहता हैः सुन मेरे दिमाग में एक सवाल खड़ा हुआ है।
सिड जवाब देता हैः आजकल तेरे केस में सिर्फ सवाल ही खड़ा होता है।
4. दोनों हीरो सड़क किनारे खड़ी कार के बोनट पर बैठे हैं।
सामने स्टेफ्री पैड्स का बड़ा सा एड होर्डिंग लगा है।
आदी कहता हैः क्या देख रहा है यार, ये लड़कियों के इस्तेमाल की चीज है।
सिड निराश स्वर मेः यार मैं सोच रहा हूं कि एक पैकेट खरीद ही लूं, मेरा भी बहुत बुरा पीरियड चल रहा है।
तो आदी का जवाब आता हैः दो खरीद...
5. पार्टी में मिली एक लड़की जान-पहचान करने के दौरान सिड को अपने पिता के बारे में बताती है कि वो आगरा में रहते हैं। सिड कहता हैः तुम्हारे पापा क्या आगरा में वायग्रा बेचते हैं।
6. वहीं पार्टी में खाने की स्टॉल पर मट्ठी हाथ में लेकर सिड कहता हैः ये मुट्ठियां मारने के काम आएंगी।
7. अपने डॉग को ब्रीडिंग के लिए डॉक्टर के क्लिनिक ले जा रहा है सिड और गा रहा हैः अब है चु... जुदाई का मौसम।
8. लेडी डॉक्टरः तुम सीडी क्यों लाए हो?
सिडः मैं इसे प्ले करता हूं तब मेरे कुत्ते का मूड बनता है।
लेडी डॉक्टरः आई डिड नॉट नो कि आजकल कुत्ते भी मूड्स का इस्तेमाल करते हैं!
9. लगातार कई कुत्तियों की ब्रीडिंग करने के बाद फकरु को गोद में लेकर सिड बैठा होता है।
डॉक्टर आकर बोलती हैः योर डॉग हैज गॉट लॉट ऑफ स्टाइल, कहना पड़ेगा।
सिडः इट्स कॉल्ड डॉगी स्टाइल।
बाद में: मुझे इस पर फक-र (फक्र) है।
10. खराब नसीब की जांच करवाने आदी एक टैरो कार्ड रीडर के पास बैठा है।
पहले वह कार्ड्स की गड्डी आगे बढ़ाती है तो आदी उठाकर तीन पत्ती खेलने लगता है।
बाद में वह टोकती है और पत्ते बिछाकर पत्ता उठाने को कहती है।
कार्ड देखकर वह उसे कहती हैः तुम्हारी जिदंगी में एक लड़की आएगी जिसका नाम एस शुरू होगा। उसके आने से तुम बहुत बड़े स्टार बनोगे।
आखिर में वह बोलता हैः न जाने कहां मिलेगी मुझे ऐसी लड़की विद एन ऐस (एस)।
11. टीवी चैनल पर मॉडल (साराह जैन डियेज) का वॉर्डरोब मालफंक्शन हो जाता है और यूट्यूब से लेकर नेट पर वीडियो वायरल हो जाता है। एक न्यूज चैनल खास प्रोग्रैम बनाता है और न्यूज एंकर प्रोग्रैम का नाम उच्चारता हैः मेरे दो अनमोल रतन। (इशारा मॉडल को वक्षों की तरफ होता है)
12. सिड डीजे है और डिस्क्स चलाता है, गाने बजाता है, पर वह जब भी कहीं जाता है कहता हैः मेरे पास हार्ड डिक्स (डिस्क) हैं।
13. आदी अपनी लेडी लव के बारे में सिड से कहता हैः सिमरन, कैसा यश चोपड़ा की फिल्मों की हीरोइन जैसा नाम है न, आजकल की हीरोइन की तरह नहीं, फकरी, पेंटी।
14. मारलो बने अनुपम खेर अपनी बेटी और उसकी सहेली से घर में आए बाबा के बारे में बता रहे हैं।
मारलोः पता है, सात साल एक पैर पर खड़े होकर तपस्या की है इस बाबा ने...
उधर बाबा 3जी बने चंकी पांडे की तस्वीर दिखती है जिसमें उनके दोनों पैर और जमीन को नहीं छू रहे पर वह खड़े हैं, शरीर के बीच वाले हिस्से पर किसी चीज के सहारे।
इसके बाद चंकी कैमरे की तरफ देखकर बोलते हैः कौनसा पैर ये मत पूछना।
15. आगे एक और सीन में वह कहते हैः देकर उन्हें ये कुतिया, बनाया चू... अ अ भाग्यशाली।
16. गोवा में पार्टी कर रहे हैं सिड-आदी।
शराब के नशे में आदी कहता हैः इट्स गोवा गाइज, लेट्स पार्टी।
लिव लाइफ किंग साइज। स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, फकिं...।
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गजेंद्र सिंह भाटी