फिल्मः द थ्री मस्केटियर्स (अंग्रेजी)
निर्देशकः पॉल डब्ल्यू.एस. एंडरसन
कास्टः लोगन लर्मन, मैथ्यू मैकफिदयन, रे स्टीवनसन, ल्यूक इवॉन्स, क्रिस्टोफर वॉल्ट्ज, माइला जोवोविच, ऑरलेंडो ब्लूम, गैब्रिएला वाइल्ड, फ्रेडी फॉक्स, जेम्स कॉर्डन
स्टारः तीन स्टार, 3.०
'स्लमडॉग मिलियनेयर' का क्लाइमैक्स। होस्ट प्रेम कुमार बने अनिल कपूर का जमाल मलिक से आखिरी सवाल। 'द थ्री मस्केटियर्स' कहानी में एथोस और पॉर्थोज के अलावा तीसरा मस्केटियर कौन है? पॉल डब्ल्यू एस एंडरसन के निर्देशन में बनी इस थ्रीडी फिल्म से पहले हम जैसे ज्यादातर दर्शकों का 'द थ्री मस्केटियर्स' से वास्ता इसी फिल्म ने करवाया था। अब परिचय दुरुस्त हो गया है। ये एक अच्छी फिल्म है। जरूर देखने जाएं। तीन यौद्धा जो एक हार के बाद नकार दिए गए। चौथा आता है और ये फिर से फ्रांस की रक्षा को आगे आते हैं। डेढ़ सौ साल से ज्यादा पुरानी कहानी होते हुए भी फिल्म रेलेवेंट लगती है। वजह है इन मस्केटियर्स का कूल एटिट्यूड। खासकर पॉर्थोज बने रे स्टीवनसन का। जो दिखने में जितने भीमकाय हैं उतने ही ज्यादा फनी हैं। चूंकि ये मस्केटियर दिल की आवाज फॉलो करते हैं इसलिए उनमें वो मर्दाना घमंड नहीं है। अपनी कमजोरियों के प्रति ये कूल हैं। जब रॉशफोर्ट और उसके सैनिक कॉन्सटेंस (गैब्रिएला वाइल्ड) को बंदी बना लेते हैं और उसकी एवज में रानी का हार मांगते हैं तो एथोज डॉर्टेजियन को कहता है, 'तुम अपने प्यार को बचाओ, फ्रांस की रक्षा होती रहेगी।' फिल्म में तीनों मस्केटियर्स के सर्वेंट प्लैंशे बने जेम्स कॉर्डन अपने भारी शरीर के साथ हल्के हंसी के लम्हे लाते हैं। पियेर गेरॉ की डिजाइन की हुईं हैरतअंगेज कॉस्ट्यूम फिल्म को अलग ही स्तर पर ले जाती है। फिल्म में भव्य फ्रैंच आर्किटेक्टर है, ग्लेन मैकफर्सन की सिनेमेटोग्रफी है और थ्रीडी का यूज है। इन सबके बावजूद फिल्म बड़ी सिंपल और समझने में आसान रखी गई है।
तीन नहीं चार मस्केटियर्स की कथा
अलेग्जांद्र डुमास के 1844 में लिखे इस नॉवेल की कहानी को बहुत बार यूज किया जा चुका है। यहां कहानी को जरा सा आसान बनाया गया है। गेस्कॉनी का रहने वाला यंग गरीब मगर बहादुर लड़का डॉर्टेजियन (लोगन लर्मन) पेरिस आया है मस्केटियर बनने। यहां उससे टकरा जाते हैं फ्रांस के मशहूर थ्री मस्केटियर। एथोज (मैथ्यू मैकफिदयन), पॉर्थोज (रे स्टीवनसन) और अरामिस (ल्यूज इवॉन्स) एक बुरे वाकये के बाद से किवदंती हो चुके हैं। लाइमलाइट में नहीं हैं। दारू पीते हैं, कार्डिनल रिचेयू (क्रिस्टोफर वॉल्ट्ज) के सैनिकों को पीटते हैं और फिर दारू पीकर सो जाते हैं। फ्रांस का किंग लूइस चौदहवां (फ्रेडी फॉक्स), पॉर्थोज के शब्दों में कहें तो बच्चा है। माने मैच्योर नहीं है। कार्डिनल इंग्लैंड के बकिंघम (ऑरलेंडो ब्लूम) के साथ मिलकर फ्रांस की सत्ता हथियाना चाहता है। इस काम में उनकी मदद कर रही है कभी एथोज को दगा देने वाली मिलाडी (माइला जोवोविच)। खैर, अब इन चारों मस्केटियर्स के पास एक मौका आता है फ्रांस की सेवा करने का और दुश्मनों के प्लैन चौपट करने का। अपने मजाकिया लेकिन वीरों वाले तेवर लेकर ये आगे बढ़ते हैं।
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गजेंद्र सिंह भाटी