फिल्मः रॉक ऑफ एजेस
डायरेक्टरः एडम शैंकमैन
कास्टः टॉम क्रूज, डिएगो बोनेटा, जूलिएन हू, पॉल जियामेटी, कैथरीन जेटा जोन्स, रसैल ब्रैंड, एलेक बॉल्डविन
स्टारः दो, 2.0
संक्षिप्त टिप्पणी
डायरेक्टर एडम शैंकमैन की ये अमेरिकी फिल्म हमारी हिंदी की ‘इंद्रसभा’ जैसी है। 1932 में आई इंद्रसभा में तकरीबन 70 गाने थे तो दो घंटों वाली ‘रॉक ऑफ एजेस’ में 20 गाने हैं। चूंकि ये एक म्यूजिकल प्ले और किताब पर बनी है, चूंकि ये 1980 के रॉक वल्र्ड को दी गई कॉमिकल श्रद्धांजलि है इसलिए हॉलीवुड फिल्मों का कोई ढांचा इसमें नहीं दिखता। इसमें बॉलीवुड वाला ढांचा है। गोविंदा वाले अंदाज में कैरेक्टर हर दूसरे-तीसरे सीन में गाना गाने लगते हैं। लीड कैरेक्टर के पीछे दर्जनों डांसर नाचने लगते हैं। ऐसी फिल्में अमेरिका में तीस-चालीस साल पहले बना करती थी। ये देख अपने देसी दर्शक चौंकते हैं, परेशान होते हैं, माथा खुजाते हैं, आगे वाली सीट पर सिर पटकते हैं और इस फिल्म में लाने के लिए दोस्तों को कोसते हैं। पर मैं इसे बुरी फिल्म नहीं मानता। सब्जेक्ट अलग है बस।
‘रॉक ऑफ एजेस’ में हमारी जान-पहचान वाला एक ही चेहरा है, टॉम क्रूज का। पर वो यहां ‘मिशन इम्पॉसिबल’ वाले अंदाज में नहीं हैं। यहां वो शराब, से-क्-स और स्टारडम के नशे में चौबीस घंटे चूर रहने वाले एक 80 के दशक के रॉकस्टार के रोल में बिल्कुल अलग लगते हैं। उनका किरदार बहुत सतही भी है लेकिन महसूस करने वाला महसूस कर सकता है कि जिंदगी में संगीत की तलाश में स्टेसी कितना सनकी और कसेला हो चुका है, कितना नियमहीन हो चुका है। फिल्म में एलेक बॉल्डविन, कैथरीन जेटा-जोन्स, रसेल ब्रैंड और पॉल जियोमेटी जैसे नामी एक्टर्स का होना भी बड़ा आकर्षण है पर ज्यादातर दर्शक उनसे परिचित नहीं हैं। स्पाइस गल्र्स के टूर कोरियोग्राफ करने और जैनेट जैक्सन के वीडियो में डांस करने वाले एडम का डायरेक्शन गहरे म्यूजिकल मिजाज वाला है, पर प्ले को फिल्म में तब्दील करते हुए वह कहानी को और पैना कर सकते थे।
रॉक के उस दौर की कहानीः 1987 के दौर में रॉक एन रोल म्यूजिक से प्यार करने वालों की कहानी है। ओकलाहोमा से सिंगर बनने शैरी लॉस एंजेल्स आती है। वहां उसे ‘द बरबन रूम’ नाइटक्लब में काम करने वाले ड्रू से प्यार हो जाता है, जो रॉक स्टार बनना चाहता है। क्लब तंगी की हालत में है। उसे उबारने के लिए क्लब का मालिक रॉकस्टार स्टेसी जैक्स को परफॉर्म करने को कहता है। स्टेसी को सच्चे प्यार और म्यूजिक की तलाश है पर वो सनकी है, नशे में रहता है। उधर मेयर की कंजरवेटिव वाइफ चर्च के साथ मिलकर इस क्लब को बंद करवाना चाह रही है। ताकि शहर से-क्-स, ड्रग्स और रॉक एन रोल से मुक्त हो जाए।
*** *** ***
गजेंद्र सिंह भाटी
डायरेक्टरः एडम शैंकमैन
कास्टः टॉम क्रूज, डिएगो बोनेटा, जूलिएन हू, पॉल जियामेटी, कैथरीन जेटा जोन्स, रसैल ब्रैंड, एलेक बॉल्डविन
स्टारः दो, 2.0
संक्षिप्त टिप्पणी
डायरेक्टर एडम शैंकमैन की ये अमेरिकी फिल्म हमारी हिंदी की ‘इंद्रसभा’ जैसी है। 1932 में आई इंद्रसभा में तकरीबन 70 गाने थे तो दो घंटों वाली ‘रॉक ऑफ एजेस’ में 20 गाने हैं। चूंकि ये एक म्यूजिकल प्ले और किताब पर बनी है, चूंकि ये 1980 के रॉक वल्र्ड को दी गई कॉमिकल श्रद्धांजलि है इसलिए हॉलीवुड फिल्मों का कोई ढांचा इसमें नहीं दिखता। इसमें बॉलीवुड वाला ढांचा है। गोविंदा वाले अंदाज में कैरेक्टर हर दूसरे-तीसरे सीन में गाना गाने लगते हैं। लीड कैरेक्टर के पीछे दर्जनों डांसर नाचने लगते हैं। ऐसी फिल्में अमेरिका में तीस-चालीस साल पहले बना करती थी। ये देख अपने देसी दर्शक चौंकते हैं, परेशान होते हैं, माथा खुजाते हैं, आगे वाली सीट पर सिर पटकते हैं और इस फिल्म में लाने के लिए दोस्तों को कोसते हैं। पर मैं इसे बुरी फिल्म नहीं मानता। सब्जेक्ट अलग है बस।
‘रॉक ऑफ एजेस’ में हमारी जान-पहचान वाला एक ही चेहरा है, टॉम क्रूज का। पर वो यहां ‘मिशन इम्पॉसिबल’ वाले अंदाज में नहीं हैं। यहां वो शराब, से-क्-स और स्टारडम के नशे में चौबीस घंटे चूर रहने वाले एक 80 के दशक के रॉकस्टार के रोल में बिल्कुल अलग लगते हैं। उनका किरदार बहुत सतही भी है लेकिन महसूस करने वाला महसूस कर सकता है कि जिंदगी में संगीत की तलाश में स्टेसी कितना सनकी और कसेला हो चुका है, कितना नियमहीन हो चुका है। फिल्म में एलेक बॉल्डविन, कैथरीन जेटा-जोन्स, रसेल ब्रैंड और पॉल जियोमेटी जैसे नामी एक्टर्स का होना भी बड़ा आकर्षण है पर ज्यादातर दर्शक उनसे परिचित नहीं हैं। स्पाइस गल्र्स के टूर कोरियोग्राफ करने और जैनेट जैक्सन के वीडियो में डांस करने वाले एडम का डायरेक्शन गहरे म्यूजिकल मिजाज वाला है, पर प्ले को फिल्म में तब्दील करते हुए वह कहानी को और पैना कर सकते थे।
रॉक के उस दौर की कहानीः 1987 के दौर में रॉक एन रोल म्यूजिक से प्यार करने वालों की कहानी है। ओकलाहोमा से सिंगर बनने शैरी लॉस एंजेल्स आती है। वहां उसे ‘द बरबन रूम’ नाइटक्लब में काम करने वाले ड्रू से प्यार हो जाता है, जो रॉक स्टार बनना चाहता है। क्लब तंगी की हालत में है। उसे उबारने के लिए क्लब का मालिक रॉकस्टार स्टेसी जैक्स को परफॉर्म करने को कहता है। स्टेसी को सच्चे प्यार और म्यूजिक की तलाश है पर वो सनकी है, नशे में रहता है। उधर मेयर की कंजरवेटिव वाइफ चर्च के साथ मिलकर इस क्लब को बंद करवाना चाह रही है। ताकि शहर से-क्-स, ड्रग्स और रॉक एन रोल से मुक्त हो जाए।
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गजेंद्र सिंह भाटी