फिल्मः द डैविल इनसाइड (अंग्रेजी)
निर्देशकः विलियम ब्रेंट बेल
कास्टः सूजन क्राउडी, फर्नेंडो ऑन्ड्रेड, सिमोन क्वार्टरमैन, इवान हेल्मथ, आयनट ग्रेमा
स्टारः तीन, 3.0
इस जगत में जो ये कहते हैं कि उन्हें डर नहीं लगता, उन्हें 'द डैविल इनसाइड' जरूर देखनी चाहिए। फाउंड फुटेज वाले अंदाज में बनी डायरेक्टर विलियम ब्रेंट बेल की ये फिल्म शुरू में असली टीवी फुटेज का बड़े यकीनी तरीके से इस्तेमाल करती है। विशेषज्ञों से बातचीत, फ्रेम में पूरा नहीं आते किरदार, ऊपर-नीचे होता हिलता कैमरा और डॉक्युमेंट्री वाले सारे तत्वों से फिल्म पिछली फाउंड फुटेज फिल्मों (पैरानॉर्मल एक्टिविटी) से जरा अलग लगती है। रात के वक्त फिल्म के रॉ दृश्य बड़ा डराते हैं। कभी-कभी तो यूं लगता है कि थियेटर में किसी कच्चे दिल वाले को जरूर दिल का दौरा पड़ेगा। फिल्म से शिकायत ये भी हो सकती है कि अमेरिका में ऐसी कई फिल्में बन चुकी हैं और उनकी तुलना में 'द डेविल इनसाइड' बहुत ज्यादा नई नहीं है। कई प्रेत आने के दृश्य सभ्य नहीं हैं, पर रियल हैं। फिल्म एकदम व्यवस्थित नहीं है। फाउंड फुटेज में हाल ही में आई 'क्रॉनिकल' शानदार फिल्म थी। खैर, बच्चों को कतई साथ न ले जाएं। व्यस्क जाएं पर तैयार होकर।
अंदरुनी प्रेत की हकीकत और फसाना
30 अक्टूबर 1989 के दिन मारिया रॉसी (सूजन क्राउडी) पर एक्सॉर्सिज्म (चर्च की भूत भगाने की प्रक्रिया) करते हुए तीन प्रीस्ट बेदर्दी से मारे जाते हैं। टीवी पर खबरें आती हैं। फिर उन्हें रोम के कैथॉलिक साइकैट्रिक हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया जाता है। बीस साल बाद मारिया की बेटी इजाबेला (फर्नेंडो ऑन्ड्रेड) मां की बीमारी की वजह जानना चाहती है और इसलिए एक्सॉर्सिज्म पर माइक के साथ मिलकर डॉक्युमेंट्री बना रही है। वह रोम में एक एक्सॉर्सिज्म पर तार्किक बहस करने वाली स्कूल में जाती है। वहां उसे दो प्रीस्ट बेन (सिमोन क्वार्टरमैन) और डेविड (इवान हेल्मथ) मिलते हैं। अब ये चारों मिलकर मारिया की बीमारी या भूतबाधा के बारे में पता लगाने निकलते हैं। पर नतीजे अच्छे नहीं होते।
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गजेंद्र सिंह भाटी