सोमवार, 27 फ़रवरी 2012

सब स्पेशल एजेंटों में हीरोइज्म से भरी बस एक, मैलोरी

फिल्मः हेवायर
निर्देशकः स्टीवन सोडरबर्ग
कास्टः जीना कैरेनो, चैनिंग टेटम, माइकल एंगरैनो, माइकल फासबैंडर, माइकल डगलस, एंटोनियो बैंडारेस, इवॉन मैकग्रेगर
स्टारः तीन, 3.0/5
एक लड़की मैलोरी (जीना कैरेनो) अपस्टेट न्यू यॉर्क के एक कैफे में आई है। थोड़ी देर में एरॉन (चैनिंग टेटम) बाहर से आता है और उसके सामने अलसाए चेहरे के साथ बैठ जाता है। बीयर मांगता है, पर वहां मिलती नहीं इसलिए कॉफी ऑर्डर करता है। मैलोरी को अपने साथ चलने के लिए कहता है, पर वह मना कर देती है। और वह सर्व होती गर्मागर्म कॉफी एकदम से मैलोरी के चेहरे पर फैंक देता है और उसे बुरी तरह पीटना और लात-घूसे चलाना शुरू करता है। वहीं कुछ दूर बैठा एक लड़का स्कॉट (माइकल एंगरैनो) उसे पीछे से पकड़कर रोकने की कोशिश भी करता है। खैर, यहां फिल्म आपकी हलक सुखा देती है। कि कोई एक लड़की को ऐसे कैसे पीट सकता है। जब लगता है कि लड़की तो अधमरी हो गई तभी वो पलटती है और लपेट-लपेट कर एरॉन को पीटती है। उसे गोली लगी है पर बिना किसी ऊह-आह के फौलाद की तरह वह स्कॉट के साथ उसकी कार लेकर चली जाती है। यहां तक आते-आते अंदाजा हो जाता है कि जरा कमर सीधी करके बैठ जाइए, ये कोई ऐसी-वैसी फिल्म नहीं है। तो 'हेवायर' अच्छी फिल्म है। जरूर देखें। चूंकि ये थोड़ी गैर-पारंपरिक ट्रीटमेंट वाली फिल्म है इसलिए धीमी लग सकती है। कम नाटकीय लग सकती है। इसका बैकग्राउंड स्कोर आपके रौंगटे खड़े नहीं करता और इसकी हीरो जीना मर्मस्पर्शी एक्टिंग नहीं करती, पर देखते वक्त तारीफ के लहजे में जरूर सोचेंगे कि फिल्म का डायरेक्टर कौन है?

ये
अमेरिकी फिल्मों के कमर्शियल हीरोइज्म को बागी तरीके से इंसानी बनाने में जुटे निर्देशक स्टीवन सोडरबर्ग की फिल्म है। उनके तेवर भी ऐसे ही हैं। उनकी फिल्मों में बड़े-बड़े चेहरे (यहां माइकल डगलस, एंटोनियो बैंडारेस, माइकल फासबैंडर) होते हैं, पर उन स्टार्स को उतना ही भाव मिलता है जितनी स्क्रिप्ट में जरूरत होती है। एक्ट्रेस और पूर्व मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स फाइटर जीना कैरेनो को लेकर बनाई उनकी ये फिल्म अब तक की सबसे रियल लगती स्पेशल एजेंट मूवी है। हर एक स्टंट वैसा है जैसा कि इंसानी क्षमताओं में संभव है। बार्सिलोना की सड़कों पर मैलोरी के दौड़ने वाला लंबा सीन, मैलोरी और एरॉन का ओपनिंग फाइट सीन और उसका होटल की छत की दूसरी छतों पर होते हुए बच निकलने का सीन... ये सब बेहतरीन फाइट कॉर्डिनेशन है। जो बहुत ही कच्चे, रॉ और रफ लगते हैं। आखिरी कितनी स्पेशल एजेंट फिल्मों में ऐसा होता है कि हीरो (यहां मैलोरी) गाड़ी तेजी से बैक लेकर पुलिस से बच रहा है और पीछे से अचानक कोई जानवर (बारहसिंगा) आ टकरा घुसे। ऐसा सोडरबर्ग की फिल्मों में होता है। 'मिशन इम्पॉसिबल' या 'रा.वन' या 'एजेंट विनोद' में संभवत नहीं।

'हेवायर' मैलोरी नाम की एक स्पेशल एजेंट की कहानी है जो एक प्राइवेट कंपनी में कॉन्ट्रैक्टर है। ये कंपनी गवर्नमेंट के लिए काम करती है और उनके गुप्त मिशन ठेके पर लेती है। कंपनी के एक मिशन के तहत मैलोरी और उसकी टीम बार्सिलोना में किडनैप किए गए जियांग (एंथनी ब्रैंडन वॉन्ग) को बचाती है और उसे कॉन्ट्रैक्ट देने वाले रॉड्रिगो (एंटोनियो बैंडारेस) को सौंप देती है। इसके बाद कंपनी का डायरेक्टर और मैलोरी का एक्स-बॉयफ्रेंड कैनेथ (इवॉन मैकग्रेगर) उसे एक आसान का काम करने को मनाता है, पर बाद में उसे पता चलता है कि उसे फंसाया गया है। इस धोखे का बदला लेने के लिए मैलोरी लौटकर एक-एक से हिसाब चुकता करती है।*** *** *** *** ***
गजेंद्र सिंह भाटी