निर्देशकः मनदीप कुमार
कास्टः रितेश देशमुख, जेनेलिया डिसूजा, ओम पुरी, स्मिता जयकर, टीनू आनंद, चित्राशी रावत, नवीन प्रभाकर
सिनेमैटोग्रफीः चिरंतन दास
एडिटिंगः मनीष मोरे
म्यूजिकः सचिन-जिगर
स्टारः तीन, 3.0

प्यार की हैपी-हैपी कहानी
भट्टी (टीनू आनंद) के यहां किराए का ऑटो चलाता है वीरेन (रितेश देशमुख)। साठ हजार जुटा चुका है, चार पहियों वाली टैक्सी लेना चाहता है। उधर भट्टी अपनी बेटी मिनी (जिनेलिया डिसूजा) की शादी एक रईस मगर नाकारा पंजाबी लड़के से करना चाहता है। उस लड़के को मिनी के कैनेडा वाले ग्रीन कार्ड में इंट्रेस्ट है। फिर वीरेन की परेशानियां शुरू होती हैं। उसके पैसे चले जाते हैं और चुलबुली मिनी उससे खुद को किडनैप करवा लेती है। दोनों भाग रहे हैं, प्यार हो रहा है और सरप्राइज हमारा इंतजार कर रहे हैं। कहानी में दमदार से चौधरी (ओम पुरी), चौधराइन (स्मिता जयकर), धानी (चित्राशी रावत) और नायडू (नवीन प्रभाकर) भी हैं।
तौले-मोले कुछ और बोल
# पंजाबी सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ का 'पी पा पी पा’ गाने में एंट्री लेना पंजाबी दर्शकों के लिए जोरदार फन बन जाता है।
# वीना मलिक का आइटम सॉन्ग 'मैं तेरी फैन बन गई’ फिल्म की सबसे बुरी-बेकार चीज है।
# पेट्रोल पंप पर अंगूठी वाले सीन में पंजाबी एक्टर राणा रणबीर मुझे जॉनी लीवर की याद दिलाते लगे, पर चलो हिंदी फिल्मों में उनकी एंट्री ठीक रही।
# चौधरी किडनैपिंग का कारोबार करते हैं। उनका अगुवा हाउस मुझे सीधे 'फंस गए रे ओबामा’ की याद दिला देता है। हूबहू वैसा। संयोग है कि प्रेरणा, फिल्मकार जाने।
# अभिजीत संधू की स्टोरी उतनी अभिनव या ताजी नहीं है जितना कि डायरेक्टर मनदीप कुमार का फिल्म के प्रति नजरिया। ताजेपन की ऐसी ही कमी सचिन-जिगर के संगीत में है। बस काम चलाऊ है।

गजेंद्र सिंह भाटी