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Monday, November 7, 2011

मुद्दे उठाती स्मार्ट फिक्शन मूवी

फिल्मः इन टाइम (अंग्रेजी)
निर्देशकः एंड्रयू निकॉल
कास्टः जस्टिन टिंबरलेक, अमांडा सेफ्राइड, एलेक्स पेटीफर, मेट बोमर, सिलियन मर्फी, विंसेंट कार्थाइजर
स्टारः तीन स्टार, 3.0

अफ्रीकन-कैनेडियन नील ब्लोमकांप ने 2009 में 'डिस्ट्रिक्ट 9' जैसी बेहद अदभुत, अनोखी, रियलिस्टक और इनोवेटिव एलियन फिल्म रची। इसमें आज के दौर के पलायन, विस्थापन, एंटी-गवर्नमेंट स्ट्रगल और अंतरराष्ट्रीय हमलों जैसे सीरियस मुद्दे थे। पर एंटरटेनमेंट के साथ। ये सब जेम्स केमरॉन की 'अवतार' में भी था। वीएफएक्स क्रांति, अच्छी स्क्रिप्ट, मुद्दों और मनोरंजन के साथ। अब आई है 'इन टाइम'। राइटर-डायरेक्टर एंड्रयू निकॉल पर हालांकि आरोप लगे कि ये फिल्म बरसों पहले लिखी एक शॉर्ट स्टोरी से प्रेरित है, पर आगे बढ़ते हैं। फिल्म में खास है टाइम को करंसी बनाकर वर्ल्ड की मौजूदा असमानताओं को देखना। कैपिटलिस्ट सिस्टम पर कमेंट करना। जिन्हें आप मौजूदा 'ऑक्युपाई वॉल स्ट्रीट' जैसे आंदोलन से जोड़कर भी देख सकते हैं। जिन्हें आप फ्रांस में बीते कुछ घंटों में दिए इंडियन पीएम मनमोहन सिंह के बयान से जोड़कर भी देख सकते हैं कि महंगाई बढऩे का मतलब ये है कि लोग समृद्ध हो रहे हैं, उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ रही है। यहां जस्टिन टिंबरलेक 'सोशल नेटवर्क' और 'फ्रेंड्स विद बैनिफिट्स' वाले नहीं लगते। फिल्म में अपनी मरी मां की लाश पर उनका फफक-फफक कर रोना यूं ही नहीं आ जाता। यहां तक कि गैंगस्टर फोर्टिस बने एलेक्स पेटीफर भी हर सीन में जान डाल देते हैं। न जाने अमेरिकी फिल्मों में उनका सही इस्तेमाल क्यों नहीं हुआ। सिलियन मर्फी टाइमकीपर के रोल में बहुत दिन बाद फिल्मों में ठीक-ठाक दिखे हैं। 'इनसेप्शन' की तरह ये बिल्कुल अलग कल्पना वाली फिल्म है। हालांकि इसमें उतना मनोरंजन नहीं है, पर इतने उलझे सब्जेक्ट को सरल से सरल बनाकर ही फिल्म नंबर ले जाती है। क्लाइमैक्स किसी नतीजे पर नहीं पहुंचाता, एक नई शुरुआत लगता है। समझने के लिए मूवी में काफी कुछ है। बिल्कुल देख सकते हैं।

टाइम करंसी की कथा
कहानी थोड़ी काल्पनिक है, ध्यान से समझिएगा। 28 साल का विल सालेस (जस्टिन टिंबरलेक) ऐसे भविष्य में रहता है जहां उम्र करंसी का काम करती है। इंसान को 25 साल का होने के बाद और टाइम कमाना होता है वरना एक साल में मौत हो जाती है। हर सोशल क्लास टाइम जोन में रहती है। डेटन में गरीबों की बस्तियां हैं, वहीं न्यू ग्रीनविच में रईसों ने अपार टाइम जुटा रखा है। फैक्ट्री वर्कर विल, बार में हैनरी हैमिल्टन (मैट बोमर) नाम के आदमी को टाइम लूटने वाले गैंगस्टर फोर्टिस (एलेक्स पेटीफर) से बचाता है। हैनरी के पास 100 से ज्यादा साल हैं। वह विल को बताता है कि दुनिया में सबके लिए टाइम है पर अमीरों ने अमर होने के लिए उसे जमा कर रखा है। इसके पीछे सोच है 'फॉर फ्यू टु बी इममॉर्टल, मैनी मस्ट डाय।' रात में विल को सारा टाइम ट्रांसफर करके हैनरी मर जाता है। अब इस असमान सिस्टम को क्रैश करने और अपना बदला लेने के लिए विल न्यू ग्रीनविच जाता है। पुलिस यानी टाइमकीपर रेमंड लीयोन (सिलियन मर्फी) उसके पीछे है। न्यू ग्रीनविच में एक कैसीनो में विल का सामना टाइमलोन देने वाले बड़े रईस फिलीप वाइज (विंसेंट कार्थाइजर) और उसकी बेटी सिल्विया (अमांडा सेफ्राइड) से होता है।

इस दुनिया की झलकियां
# हर इंसान की त्वचा पर हरे अंकों में टाइम वॉच चलती है। यही उम्र है, यही करंसी।
# एक-एक दिन के मोहताज विल के पास 100 से ज्यादा साल देखकर दोस्त कहता है 'वेयर डिड यू गेट दिस' 'यू नो देट दिस विल गेट यू किल्ड'
# टाइम जोन के बॉर्डर पर टोल टैक्स की तरह एक महीना, दो महीना और एक साल तक डिपॉजिट करना पड़ता है।
# जिस गंदली बस्ती में कुछ घंटों या दिनों की चोरियां होती हैं, वहां 100 साल चोरी हो गए तो टाइमकीपर (पुलिसवाले) जांच कर रहे हैं।
# कार खरीदने की रेट है 59 साल प्लस टैक्स। डिलीवरी चार्ज अलग।
# सिंपल, सोबर, आधुनिक, सॉफिस्टिकेटेड और एलीट जमाने को दिखाने के लिए शहरों, कारों और ब्रिजों की डिजाइन स्लीक और सपाट सी है।
# आज वाले हालात हैं। बस्तियों में तकरीबन सारी आबादी बसी है और उनके हिस्से का टाइम यानी संपत्ति और भौगोलिक इलाका चंद एक-दो पर्सेंट रईसों के पास है।
# यहां होटलों में और पार्टियों में म्यूजिक वैसा बजता है जैसा मुंबई के ताज लैंड्स एंड या दूसरे फाइव स्टार होटलों में।

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गजेंद्र सिंह भाटी

Sunday, September 11, 2011

इस सबजेक्ट पर बनी फिल्मों के ढर्रे की मरम्मत करती हुई

फिल्म: फ्रैंड्स विद बैनिफिट्स
निर्देशक: विल ग्लूक
कास्ट: जस्टिन टिंबरलेक, माइला क्यूनिस, वूडी हैरलसन, नोलन गाउल्ड, जेना एल्फमेन, रिचर्ड जेनकिंस, पैट्रिशिया क्लार्कसन
स्टार: तीन, 3.0

जब आप थियेटर में होते हैं तो प्रार्थना करते हैं कि फिल्म शुरू होने तक टॉर्चर देने वाले चाय, क्रीम या रियल एस्टेट के एड न दिखाए जाएं। ऐसे में जब बैक टु बैक 'मनीबॉल', 'जूकीपर', '30 मिनट्स' और 'अनॉनिमस' जैसी चार बेहतरीन और अलग टेस्ट वाली फिल्मों के ट्रेलर दिखते हैं तो मूड फ्रैश हो जाता है। उसके बाद शुरू होती है 'फ्रेंड्स विद बैनिफिट्स' और बड़े ऑर्डिनरी से पोस्टर वाली ये फिल्म उस मूड को खराब नहीं होने देती। जस्टिन टिंबरलेक और माइला क्यूनिस अपने आप में कोई मेगास्टार नहीं हैं, पर फिल्म के स्मार्ट और चपल डायलॉग्स के साथ सुकून देते हैं। गुदगुदाने का बाकी काम जीक्यू के स्पोट्र्स एडिटर टॉमी बने वूडी हैरलसन और डिलन का भांजा सैमी (नोलन गोउल्ड) करते हैं। सैमी की फेल होती मैजिक ट्रिक्स और टॉमी के 'यू श्योर, योर नॉट गे?' सबसे ज्यादा याद रहते हैं। एक नॉन-कॉमिक जॉनर वाली फिल्म में हंसी की संतुलित मात्रा इस फिल्म जितनी होती है, ये आदर्श पैमाना हो सकता है। इस सब्जेक्ट वाली ज्यादातर हॉलीवुड फिल्मों में स्क्रिप्ट जो ढर्रा लिए होती है, वो यहां नहीं है। इसे जरूर देख सकते हैं।

दोस्ती के दौरान
डिलन (जस्टिन टिंबरलेक) लॉस एंजेल्स में इस छोटी इंटरनेट कंपनी में आर्ट डायरेक्टर है। उसका काम बहुत अच्छा है इसलिए जीक्यू मैगजीन उसे इंटरव्यू करना चाहती है। उसकी भर्ती सुनिश्चित करने का काम एक एग्जीक्यूटिव रिक्रूटर जैमी (माइला क्यूनिस) को मिलता है। पर डिलन एलए छोड़कर न्यू यॉर्क नहीं आना चाहता। जैमी की कोशिशों से वह न्यू यॉर्क जीक्यू में आ जाता है। फिर दोनों सिर्फ दोस्त रहने और उससे आगे न बढऩे की शर्त पर फिजिकल होते हैं। पर प्यार का क्या है वो तो होना ही होता है।

रिश्तों की समझाइश
सिर्फ फ्रेंड होने या बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड हो जाने और सिर्फ फिजीकल रहने या प्यार कर बैठने की कशमकश है डिलन और जैमी के बीच। महाशहरी इंग्लिश स्पीकिंग यंगस्टर्स और वर्किंग प्रफेशनल्स इस सब्जेक्ट के दायरे में आते हैं। उन्हें ये फिल्म सबसे ज्यादा पसंद आएगी। जो लोग हॉलीवुड की फिल्में देखते हैं और सुनकर तुरंत समझते हैं, उन्हें फिल्म देखने वक्त राहतभरा मजा आएगा। इसी के तहत फिल्म में जो फिजीकल होने के सीन हैं वो फनी लगते हैं। उनमें वल्गैरिटी या कहीं भी भद्दापन नहीं है। बल्कि यहां भी दर्शक कंफर्टेबल रहते हुए ठहाके लगाते हैं। डिलन के अपने पिता (रिचर्ड जेनकिंस) और बड़ी बहन एनी (जेना एल्फमैन) के साथ रिश्ते को भी अच्छे फ्रेम में जड़ा गया है। वो फिल्म की जरूरत लगते हैं। ठीक वैसे ही जैमी की बोल्ड मदर (पैट्रिशिया क्लार्कसन) भी फिल्म में फिट लगती हैं।

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गजेंद्र सिंह भाटी