Showing posts with label london paris new york. Show all posts
Showing posts with label london paris new york. Show all posts

Sunday, March 4, 2012

प्यार करने वालों की 'एक रुका हुआ फैसला'

फिल्म: लंदन, पैरिस, न्यू यॉर्क
निर्देशकः अनु मेनन
कास्टः अदिति राव हैदरी, अली जफर
स्टारः तीन, 3.0फिल्म में निखिल ललिता से एक सीन में अपने फिल्म स्कूल के साथियों के बारे में कहता है, "उन लोगों को फिल्ममेकिंग के बारे में कुछ नहीं पता। फिर भी उन्हें लगता है कि फिल्म स्कूल से निकलेंगे और डेविड लिंच बन जाएंगे।" अमेरिका के जाने-माने फिल्मकार डेविड लिंच का जिक्र 'लंदन पैरिस न्यू यॉर्क' की राइटर-डायरेक्टर अनु मेनन अपने कैरेक्टर्स के मुंह से करवाती हैं। थैंक गॉड, अनु फिल्म स्कूल के उन लड़के-लड़कियों की तरह नहीं हैं। उन्होंने खुद को डेविड लिंच नहीं समझा है। बस अपना रास्ता चुना है और ये फिल्म बनाई है। जो मास्टरपीस होने का दावा नहीं करती, पर अपने अंदाज में बहुत अच्छी फिल्म है। लव को देखने का ये अलग तरीका है। हालांकि होता वही है, मिलना, गलतफहमी होना, बिछडऩा और फिर मिल ही जाना। लेकिन मैंने इतनी हल्की-फुल्की, स्मार्ट और ऑर्गेनिक तरीके से आगे बढ़ती ईमानदार लव स्टोरी पिछली बार कब देखी थी याद नहीं। फिल्म एक-दो मौकों पर घिसी-पिटी है, बाकी बिल्कुल फ्रैश। संवाद क्विक हैं, फिल्म को बिनी किसी आहट के आगे बढ़ाते हैं। अनु मेनन का निर्देशन भी अलहदा है। वह उम्मीदें जगाती हैं। प्यार शब्द से जिनका नाता रहा है या रहेगा, उन्हें ये मूवी जरूर देखनी चाहिए।

दो किरदार दोनों कई बराबर
# पूरी फिल्म अली और अदिति के दो किरदारों पर ही बनी है, फिर भी संपूर्ण लगती है। कमर्शियल फिल्मों में ये प्रयोग नहीं होते कि एक-दो लोगों को लेकर पूरी फिल्म बने। यहां है। ये प्यार करने वालों की 'एक रुका हुआ फैसला' है।
# अली जफर को जो सीरियसली नहीं लेते, वो इस फिल्म के बाद ले सकेंगे। क्लाइमैक्स में उनका इमोशनल सीन सन्न करता है, चार-पांच पलों के लिए ही सही। अली ने फिल्म में म्यूजिक दिया और बोल लिखे हैं, जो खुशनुमा है। फिर से, म्यूजिक बड़ा सिंपल और ऑरिजिनल लगता है।
# अदिति ने 'ये साली जिंदगी' में ज्यादा यादगार रोल किया था। ये रोल उतना यादगार नहीं, पर किरदार के हाव-भाव अलग बनाने की उनकी कोशिशें दिखती हैं।

प्यार है, प्यार नहीं है: कहानी
निखिल चोपड़ा (अली जफर) की फिल्म 'लिविंग विद माई ब्रदर्स घोस्ट' रिलीज हुई है। मीडिया को इंटरव्यू देकर वह किसी से मिलने निकलता है। फ्लैशबैक में कहानी चलती है। जब 2005 में लंदन में वह ललिता (अदिति राव हैदरी) से एयरपोर्ट में मिलता था। ललिता फैमिनिस्ट है और महिलाओं और यूथ के लिए ग्रेटर पॉलिटिकल पार्टिशिपेशन की बातें करती है। वह दोनों साथ वक्त बिताते हैं, एक लगाव पनपता है। दोनों के बीच रोचक बातें होती हैं। बाद में पैरिस और न्यू यॉर्क में इनका बिछडऩा और मिलना होता है।
*** *** *** *** ***
गजेंद्र
सिंह भाटी