Showing posts with label director steven spielberg. Show all posts
Showing posts with label director steven spielberg. Show all posts

Sunday, November 13, 2011

अचरज भरे टिनटिन, स्नोई और हैडॉक

फिल्म: एडवेंचर्स ऑफ टिनटिन: सीक्रेट्स ऑफ यूनीकॉर्न
निर्देशक: स्टीवन स्पीलबर्ग
कास्टः जेमी बेल, एंडी सर्किस, डेनियल क्रेग, साइमन पेग, निक फ्रॉस्ट
स्टारः साढ़े तीन स्टार, 3.5


बहुत वक्त बाद स्टीवन स्पीलबर्ग का नाम बतौर डायरेक्टर बड़े स्क्रीन पर देखा। साथ में प्रॉड्यूसर बने पीटर जैकसन का भी। दोनों फिक्शन और कंप्लीट एंटरटेनिंग फिल्में बनाने वाले दिग्गज हैं। कोई शक नहीं कि 'द एडवेंचर्स ऑफ टिनटिन: द सीक्रेट्स ऑफ द यूनीकॉर्न’ में हम एक भी खामी नहीं ढूंढ पाते। शर्तिया कह सकता हूं कि परफॉर्मेंस कैप्चर एनीमेशन के जरिए बनी इस फिल्म के किरदार जितने एक्सप्रेशन दे पाते हैं उतना दुनिया के आधे से ज्यादा असल एक्टर्स भी नहीं देते। थॉम्पसन एंड थॉम्पसन ब्रदर्स (साइमन पेग और निक फ्रोस्ट) फनी हैं। इतने कि हमें किसी जिंदा जॉनी लीवर या राजपाल यादव की जरूरत हंसने के लिए नहीं पड़ती। इसमें इनका पर्स चोर के घर पहुंचकर मूर्खता करने वाला सीन कमाल है। सामने हजारों चोरी के पर्स सजे हैं और चोर के मुंह से खुद को क्लेप्टोमैनिया (चोरी की आदत) का मरीज बताने के बावजूद ये दोनों उसका मतलब कुछ और लगाते हैं। ये स्क्रीनप्ले की बारीकी और कसावट है। यही वजह है कि आप ये भी नहीं अंदाजा लगा पाते कि ये फिल्म टिनटिन की तीन बड़ी कॉमिक बुक्स कहानियों को मिलाकर बनाई गई है। फिल्म का फ्लो कमाल का है। बच्चे, बड़े और जवान सबको मूवी स्मार्ट लगती है। कैप्टन हैडॉक को अपने हाव-भाव, एक्सप्रेशन और आवाज देने वाले एंडी सर्किस वही हैं जिन्होंने 'द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स’ में गोलम के सबसे इंट्रेस्टिंग किरदार को आवाज दी थी। बहुत अच्छी फिल्म है, फैमिली फिल्म है, बच्चों को जरूर देखनी चाहिए।

एडवेंचर टिनटिन के
टिनटिन (जेमी बेल) बहुत यंग और बहादुर खोजी जर्नलिस्ट है। पूरे घर की दीवारें उसके अचीवमेंट की कतरनों से मढ़ी हुई हैं। इन अचीवमेंट्स में बराबरी का साथी है उसका बर्फ सा सफेद डॉगी स्नोई। इस यूरोपियन कस्बे की एक दोपहरी में टिनटिन एक लकड़ी की शिप 'यूनीकॉर्न’ का मॉडल खरीदता है। यहीं से विलेन इवान सेखरीन (डेनियल क्रैग) और एक और आदमी यूनीकॉर्न को पाने के लिए टिनटिन के पीछे पड़ जाते हैं। इस शिप में छिपाए किसी कागज को पाने के लिए सेखरीन टिनटिन को किडनैप कर एक जहाज में बंद कर देता है। यहां जहाज का असली कैप्टन हैडॉक (एंडी सर्किस) भी बंद है। पर नशे में धुत्त। फिर स्नोई संग दोनों भाग निकलते हैं और एक रेगिस्तान में पहुंच जाते हैं। हैडॉक को मृगतृष्णा की वजह से अपने पुरखों की कहानियां याद आने लगती हैं। उसे दिखता है कि 17वीं सदी में उसके पुरखे सर फ्रांसिस हैडॉक असली यूनीकॉर्न जहाज के कैप्टन थे और एक लुटेरे जहाज से लड़ते हुए उन्होंने खजाने से भरा ये जहाज समंदर में डुबो दिया। और उसकी लोकेशन तीन यूनीकॉर्न मॉडल में छिपा दी। यहां से टिनटिन और हैडॉक आगे बढ़ते हैं और सेखरीन का सामना करते हुए अपने एडवेंचर को अंजाम देते हैं।

सीन, स्टंट और किरदार
# एनीमेशन वर्क किस स्तर का है ये समझने के लिए वो सीन देख लेना काफी होगा जहां टिनटिन मोटरसाइकिल पर बैठ उड़ती चील का पीछा कर रहा है और बगार शहर की गलियों, तारों और छतों पर हैरतअंगेज ढंग से स्टंट कर रहा है।
# 'अवतार’ और 'अप’ के बाद अगर कोई अचरज दिलाने वाली स्मार्ट एनीमेशन और स्क्रीनप्ले फिल्म आई है तो वो ये है।
# काले-भूरे खतरनाक से बुलडॉग को डराता सफेद सा छोटा स्नोई कितना रियल लग सकता है, देखकर हैरानी होती है। बावजूद इसके सीन सॉफ्ट और चुस्त बना रहता है।
# टिनटिन का किरदार स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्मों के खोजी किरदारों सा ही लगता है। इसमें 'इंडियाना जोन्स’ के हैरीसन फोर्ड जब दुर्लभ आर्टिफेक्ट्स ढूंढने निकलता है तो कैसे इस प्रोसेस पर पग-पग पर खुद से सवाल-जवाब करता है और डिस्कस करता है। वही टिनटिन भी करता है। हर स्टेप पर खुद से सवाल-जवाब।
# जब आप एनीमेशन को और परखना चाहें तो रेगिस्तान में पहुंचे कैप्टन हैडॉक की गर्दन के बाल और हाथ की बनावट को देखिएगा। मैंने इतना इंसानी हाथ आज तक किसी एनीमेशन मूवी में नहीं देखा।

**************
गजेंद्र सिंह भाटी