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मृत्यु, ये अखियां अति अनुरागी // In-depth film interviews, movie reviews and editorial insights on world cinema.

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Sunday, August 19, 2012

यूं तोड़ें फिल्में गढ़ने का डरावना कोडः भविष्य के सभी भारतीय पीटर जैक्सनों के लिए एक पत्र...

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(कॉलम सीरियसली सिनेमा से) कुछ जज्बेधारी, फिल्मों को एजुकेशनली देखते हैं। मरने से पहले खुद भी एक-दो फिल्म तो बनाकर ही मरना चाहते...
Wednesday, September 21, 2011

तीस सेकंड की खरपतवार की खपत हम पर कैसे हो

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बहुत भोली और मासूम लगने वाली एड फिल्में सिर्फ तीस सेकंड में हमारे अगले तीस सालों पर असर छोड़ जाती हैं। अच्छा भी और बुरा भी। इन दिनों इसके ...
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